तू मुझ से निगाहें मिला रही हैं। मेरे दिल की बैचेनी को बढ़ा रही हो। मेरी तरप इतनी बढ़ गई हैं। तुझ से कुछ कहने की , जो तू अकेले में मिलने से तरसा रही हो !!!
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