मस्त हो गया मै ,
तेरे मासूम से चेहऱे को देख कर !
मन तो करता है !
वाहो में भर लूँ तुझे !
मगर ये दुनिया आ जाती है !
दिवार बन कर ,
तुझे मालूम नहीं ,
मेरी महोब्बत की गहराई !
क्युकी इसे मापने का,
कोई यंत्र बना नहीं अब तक !
भले ही तु मुझ से दूर हो ,
पर तेरी यादें हमेसा ,
मेरे पास होती हैं !
मस्त हो गया मै ,
तेरे मसूम से चेहऱे को देख कर !
मन करता है बाते करता रहू ,
पर तु पकड़ी न जाये ,
इशलिए कहता हूँ ,रखता हूँ अब !
मस्त हो गया मै ,
तेरे मासूम से चेहरे देख कर !!!
Tuje hmesa ke liye pas rakh lu ...
Reviewed by Aapni Lafj
on
October 15, 2017
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